नईदिल्ली 30 अगस्त 2020। कोरोना के प्रकोप के बीच कई सारे नए नियम लागू किए गए थे, जिनमें अब धीरे-धीरे बदलाव हो रहे हैं। एक सितंबर से देश में कुछ चीजें बदलने वाली हैं, इन बदलाव का आपकी जिंदगी से वास्ता है। ये बदलाव आपको आर्थिक रूप से प्रभावित कर सकते हैं, इसलिए इनके बारे में आपको पहले से जानकारी होना जरूरी है। ये बदलाव कुछ समयसीमाओं और कुछ नियमों से जुड़े हैं।
वैसे इनमें एलपीजी सिलेंडर से लेकर फ्लाइट, मेट्रो और ईएमआई के साथ ही कई छोटे-छोटे बदलाव भी शामिल हैं जिनके बारे में जानकारी रखना जरूरी है। ताकि अपने खर्चों को उसी हिसाब से तैयार किया जा सके।
पहला बदलाव लगभग हर घर में इस्तेमाल होने वाले एलपीजी सिलेंडर से जुड़ा है। 1 सितंबर को एलपीजी गैस के दाम में बदलाव हो सकता है। कंपनियां हर महीने की पहली तारीख को सिलेंडर के दामों में बदलाव करती हैं। इस बार उम्मीद जताई जा रही है कि एलपीजी, सीएनजी और पीएनजी के दाम काफी हद तक गिर सकते हैं। यानि कि अब किचन का खर्चा आपका कुछ हल्का हो सकता है। दिल्ली मेट्रो शुरू होने की संभावना अगर आप दिल्ली-एनसीआर में रह रहे हैं तो ये खबर आपके लिए है। अधिकारियों के मुताबिक लॉकडाउन में छूट के चौथे चरण अनलॉक-4 के तहत 1 सितंबर से दिल्ली मेट्रो का संचालन फिर से शुरू किया जा सकता है। कोरोना के बढ़ते असर के बीच पिछले 22 मार्च से मेट्रो का संचालन रोक दिया गया था। वहीं दिल्ली में अभी स्कूल और कॉलेज नहीं खोले जाएंगे।
1 सितंबर से विमान सेवाएं महंगी हो सकती हैं। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने 1 सितंबर से घरेलू और अंतरराष्ट्रीय यात्रियों से उच्च विमानन सुरक्षा शुल्क (ASF) वसूलने का फैसला किया है। एएसएफ शुल्क के तौर पर घरेलू यात्रियों से अब 150 के बजाए 160 रुपए वसूला जाएगा, वहीं अंतरराष्ट्रीय यात्रियों से 4.85 डॉलर के बदले 5.2 डॉलर वसूला जाएगा।
इसका इस्तेमाल देश में हवाई अड्डों की सुरक्षा व्यवस्था पर किया जाता है। ईएमआई पर लगी राहत हो रही खत्म जिन लोगों ने बैंक से लोन ले रखा था और ईएमआई ले रखी है उनके लिए चिंता की बात है। ईएमआई पर सरकार ने मार्च में जो रोक लगाई थी वह 31 अगस्त को खत्म हो रही है। लॉकडाउन में पैसे की कमी से जूझ रहे कर्जदारों को राहत देने के लिए आरबीआई ने लोन मोरेटोरियम का ऐलान किया था। पहले यह तीन महीने के लिए किया गया था लेकिन कोरोना के प्रकोप को देखते हुए इस आगे तीन महीने के लिए बढ़ा दिया गया था। अब यह स्थगन सीमा 31 अगस्त को समाप्त हो रही है।
व्यापार जगत से जुड़े लोगों के लिए सरकार ने जीएसटी के भुगतान में देरी होने पर कुल देनदारी पर ब्याज लगाने की घोषणा की है। उद्योग जगत ने इस साल की शुरुआत में जीएसटी भुगतान में देरी पर 46 हजार करोड़ के बकाया ब्याज की वसूली को लेकर चिंता जताई थी।
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