हाथरस कांड की पीड़ित के परिवार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में अर्जी लगाकर कहा है कि प्रशासन ने उन्हें घर में कैद कर रखा है। इस अर्जी पर आज इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई हो सकती है। परिवार के सदस्यों का कहना है कि अधिकारी उन्हें न तो बाहर जाने दे रहे और न किसी से बात करने दे रहे। ऐसे में कुछ पता नहीं चल पा रहा।
पीड़ित परिवार ने और क्या कहा?
हाईकोर्ट में लगाई गई अर्जी में परिवार ने अपील की है कि जिला प्रशासन को कोर्ट निर्देश दे कि पीड़ित के परिवार को आजादी दी जाए। घर से निकलने और लोगों से मिलने की छूट मिले। 29 सितंबर से जिला प्रशासन ने परिवार को घर में कैद क रखा है। हालांकि, बाद में कुछ लोगों से मिलने की परमिशन दी गई, लेकिन अभी भी किसी से खुलकर बात नहीं कर सकते हैं। इस तरह हमारे अधिकार छीने जा रहे हैं।
पीड़ित के परिवार की तरफ से अखिल भारतीय वाल्मीकि महापंचायत के राष्ट्रीय महासचिव सुरेंद्र कुमार ये अर्जी लगाई है। उनका दावा है कि पीड़ित के परिवार ने फोन पर बात की थी। उन्हें हाईकोर्ट जाने का विकल्प बताने पर वे अर्जी लगवाने के लिए राजी हो गए।
पीड़ित परिवार की सुरक्षा पर यूपी सरकार आज एफिडेविट दे सकती है
उधर, योगी सरकार पीड़ित के परिवार की सुरक्षा को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट पेश कर सकती है। हाथरस मामले की हाईलेवल जांच की अर्जी पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को यूपी सरकार से पूछा था कि पीड़ित परिवार और गवाहों की सुरक्षा के लिए क्या इंतजाम किए जा रहे हैं? एफिडेविट देकर बताएं।
हाथरस और अलीगढ़ में विशेष अधिकारी तैनात
गृह विभाग ने अलीगढ़ रेंज और हाथरस के लिए विशेष पुलिस अधिकारी तैनात किए हैं। एडीजी राजीव कृष्ण को अलीगढ़ रेंज और डीआईजी शलभ माथुर को हाथरस में कानून व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी दी गई है। अगले 7 दिन तक दोनों अधिकारी विशेष अफसरों के तौर पर कामकाज देखेंगे। एडीजी अलीगढ़ में रहकर रेंज के सभी जिलों में कानून व्यवस्था संभालेंगे। डीआईजी हाथरस में कैंप करेंगे और चंदपा थाना इलाके पर नजर रखेंगे। दोनों अफसर डीजीपी को रिपोर्ट करेंगे।
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