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छत्तीसगढ़ बने 20 साल पर मरवाही विस अकेली सीट जहां छठवीं बार होगा चुनाव

मरवाही विधानसभा सीट पर 3 नवंबर को मतदान होने वाला है। इस बार पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के निधन के बाद रिक्त हुई सीट पर उपचुनाव होने जा रहा है। दरअसल प्रदेश में सिर्फ मरवाही विधानसभा सीट ही एक ऐसी सीट है जहां राज्य बनने के 20 साल के भीतर पांच चुनाव हो चुके हैं और यहां छठवीं बार चुनाव होने जा रहा है।
राज्य बनने के बाद अजीत जोगी छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री बनें और 2001 में मरवाही से भाजपा विधायक रामदयाल उइके ने कांग्रेस सरकार के सीएम के लिए अपना इस्तीफा दे दिया। राज्य बनने के पहले साल ही यहां उपचुनाव हुए जिसमें तत्कालीन मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने भाजपा प्रत्याशी अमर सिंह को 51 हजार से अधिक वोटों से पराजित किया। चूंकि 1998 में विधानसभा का आम निर्वाचन हुआ था इसलिए 2003 में फिर से चुनाव हुए। इस बार भी अजीत जोगी ने भाजपा के दमदार नेता नंदकुमार साय को 54 हजार 150 वोटों से एकतरफा जीत हासिल की। इसके बाद उन्होंने 2008 में जोगी ने भाजपा के ध्यान सिंह को 42 हजार वोटों से हराया। जबकि 2013 में अजीत जोगी ने मरवाही में अपने बेटे अमित जोगी को प्रत्याशी बनाया। अमित ने भी अजीत तरह एकतरफा 46250 वोटों से जीत हासिल की। अमित को जहां 82,909 वोट मिले थे जबकि भाजपा प्रत्याशी समीरा पैकरा को 36,659 वोट ही मिले। वहीं साल साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में अजीत जोगी जोगी कांग्रेस के निशान से सहारे मैदान में उतरे। लेकिन जोगी ने 46 हजार से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की थी। यहां से भाजपा प्रत्याशी अर्चना पोर्ते 27 हजार वोटों के साथ दूसरे और कांग्रेस प्रत्याशी गुलाब सिंह राज 20 हजार वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे।

इस बार 49 नए मतदान केन्द्र बनाए गए
विधानसभा क्षेत्र में पहले कुल 237 मतदान केन्द्र थे लेकिन कोरोना संक्रमण के बीच हो रहे चुनाव को देखते हुए निर्वाचन आयोग ने यहां 49 नए बूथ बनाए हैं। पिछले चुनाव की बात करें तो 2018 में हुए चुनाव में कुल 237 बूथ में सिर्फ 3 बूथ पर ही कांग्रेस प्रत्याशी को बढ़त मिली थी। जबकि गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के प्रत्याशी कांग्रेस से ज्यादा बूथों पर आगे रहे थे।

चुनाव परिणाम एक नजर में
2001 : अजीत जोगी जीते 51 हजार वोटों से भाजपा के अमर सिंह से जीते।
2003 : अजीत जोगी कांग्रेस- 76269- नंदकुमार साय- 22119- जीते 54 हजार से।
2008: अजीत जोगी कांग्रेस-67523 - ध्यान सिंह पोर्ते बीजेपी 25431- जीते 46 हजार से।
2013: अमित जोगी कांग्रेस-82909- समीरा बीजेपी- 36659 ।
2018: अजीत जोगी जोगी कांग्रेस से अर्चना पोर्ते को 46 हजार से ज्यादा वाेटों से हराया।

जाति विवाद : उइके से मिलीं रेणु, ऋचा
जाति प्रमाण पर छिड़े विवाद के बीच ऋचा जोगी ने जहां किसी तरह के नोटिस मिलने से इंकार किया वहीं, जोगी कांग्रेस की विधायक रेणु जोगी ने राज्यपाल अनुसूइया उइके से मुलाकात में कहा कि उपचुनाव को लेकर नए नियम और अध्यादेश बनाए जा रहे हैं। उन्होंने जोगी परिवार को चुनाव नहीं लड़ने देने की आशंका भी जताई। मेरी बहू के प्रमाण पत्र की कलेक्टर द्वारा जांच की जा रही है, जबकि उनके अधीनस्थ एसडीएम ने उसे गोंड जनजाति का स्थाई प्रमाण दिया है। रेणु ने कहा कि उन्हें सरकार से संरक्षण की अपेक्षआ थी, लेकिन यहां तो मूल अधिकार से ही वंचित करने की कोशिश की जा रही है। दूसरी तरफ, मुंगेली जिला प्रशासन ने ऋचा के दादा के घर नोटिस चस्पा कर गांव में मुनादी करा दी। ऋचा ने कहा कि जाति प्रमाण पत्र बनवाते समय उन्होंने जो पता दिया था, न तो वहां और न ही उनके आधार कार्ड में दर्ज पते पर मुंगेली कलेक्टर द्वारा नोटिस भेजा गया है। उनको शिकायत की प्रति भी नहीं दी गई है। वह नवजात बेटे के कारण होम आइसोलेशन में है। नोटिस मिलने पर जब भी छानबीन समिति बुलाएगी सुनवाई के लिए जाएंगी। अमित जोगी ने भी सोशल मीडिया में पोस्ट किया कि क्या स्व. अजीत जोगी की बहू गुमशुदा या फरार है कि कलेक्टर मुंगेली को उनके स्व. दादा के घर में नोटिस चस्पा करके गांव में मुनादी करानी पड़ी।

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