पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी सरकार के खिलाफ गुरुवार को भाजपा सड़कों पर उतरी। पार्टी के बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय की अगुआई में प्रदेशव्यापी ‘नबाना चलो’ आंदोलन चलाया गया। इसमें राज्य में हो रही भाजपा कार्यकर्ताओं की मौत का मुद्दा प्रमुख था। विजयवर्गीय ने कहा कि हम लोग शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन ममता जी ने इसे हिंसक प्रदर्शन में बदलने की कोशिश की। पुलिस ने गुंडों के साथ मिलकर हम लोगों पर पथराव किया।
वहीं, भाजपा नेता लॉकेट चटर्जी ने भी कहा कि कोलकाता के खिदिरपुर इलाके में पुलिस ने हम लोगों पर लाठीचार्ज किया, पथराव भी किया गया। इसमें कई लोग जख्मी हो गए। क्या पुलिस को इस तरह से करते देखा है? कोलकाता स्थित प्रदेश पार्टी ऑफिस में सैकड़ों कार्यकर्ता जुटे और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
2 अक्टूबर को बंगाल भाजपा प्रमुख दिलीप घोष ने गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ बैठक की थी। इसी में 8 अक्टूबर को प्रदेशव्यापी प्रदर्शन का फैसला किया गया।
प्रदर्शन में क्या हुआ
कोलकाता और हावड़ा में हजारों भाजपा कार्यकर्ताओं ने राज्य में बिगड़ती कानून-व्यवस्था को लेकर नबाना (हावड़ा में एक जगह) मार्च निकाला। पुलिस ने कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए हावड़ा के संतरागाछी वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया। इसके चलते राज्य में पार्टी उपाध्यक्ष राजू बनर्जी और सांसद ज्योतिर्मय महतो घायल हो गए। कोलकाता के हेस्टिंग्ज इलाके में पुलिस ने लाठीचार्ज किया।
तृणमूल सरकार ने बुधवार को कोरोना महामारी के चलते ऐसे किसी भी आयोजन की अनुमति नहीं दी थी। यह भी कहा था कि अगर रैली होगी तो उसमें 100 कार्यकर्ता ही जुट सकेंगे। नबाना में भीड़ न जुटे, इसलिए प्रशासन ने आदेश दिया कि इलाके को ‘सफाई’ के चलते दो दिन तक बंद रखा जाएगा।
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